ये महाराणा कुम्मा के पुत्र थे किन्तु पिता से नाराज होकर इंडर की तरफ चले गये थे। जब कुम्मा को मार कर उदयकर्ण राजगद्दी पर बैठा तो रायमल ने मेवाड़ के सरदारों से मिलकर चित्तौड़ पर अधिकार कर लिया और उदयकर्ण अपने प्राण लेकर मांडू की और भागा तथा मालवा के सुलतान गयासुद्दीन की शरण में गया। उदयकर्ण की मृत्यु के पश्चात् उसके लड़के मालवा के सुलतान की सेना लेकर चित्तौड़ पर चढ़े थे किन्तु सुलतान की सेना को हार कर लोटना पड़ा। इस पर मालवा के सुलतान ने मेवाड़ पर फिर चढ़ाई की जिसका मुकाबला महाराणा ने मांडलगढ़ के पास किया तथा शत्रु को खदेड़ भगाया। उसके बाद गयासुद्दीन ने फिर आक्रमण करने की हिम्मत नहीं की।
महाराणा रायमल के तीन पुत्र थे बाबर का प्रतिद्वन्दी इतिहास प्रसिद्ध 'सांगा', पृथ्वीराज अपने समय को रोलेण्ड तथा जयमल
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